सूर्य ग्रहण 2022

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  • 21st Oct 2022

सूर्य ग्रहण 2022

सूर्य ग्रहण 2022: साल 2022 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को तुला राशि में होगा।

सूर्य ग्रहण का समय

ग्रहण प्रारंभ : दोपहर लगभग 2:29

ग्रहण मध्यकाल : शाम 4:30

ग्रहण समाप्त : शाम 6:32

ग्रहण अवधि : 4 घंटे 3 मिनट लगभग

दीपावली 2022 पर्व ओर सूर्यग्रहण

भारत में सूर्य ग्रहण का मोक्ष होने से पहले ही सूर्यास्त होने के कारण सूर्यास्त ही ग्रहण का मोक्ष माना जाएगा।

जब चंद्रमा धरती और सूर्य के बीच आ जाता है तो चंद्रमा  की छाया धरती पर पड़ती है। जिस जगह पर यह छाया पड़ती है वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।


सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है

1- पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)
2- आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)
3- वलयाकार सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse)

 

ग्रहण के बारे मे ओर अधिक जानने के लिए जैसे:

ग्रहण क्या है? सूर्य ग्रहण क्या है?  सूर्य ग्रहण कब होता है? सूर्य ग्रहण के लिए शर्तें, सूर्य ग्रहण कितने प्रकार का होता है , क्या है चंद्रग्रहण? चंद्र ग्रहण की शर्तें, चंद्र ग्रहण के प्रकार सब के बारे मे  जानने के लिए यहा CLICK करे 

 

कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

 

25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला खंडग्रास सूर्यग्रहण पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल, प्रदेश पूर्वी असम को छोड़कर लगभग सभी स्थानों में ग्रस्त अस्त अवस्था में दिखाई देगा।

विश्व के अन्य भागों में यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से पश्चिमी चीन, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान, पश्चिमी एशिया, कजाखस्तान, इराक, इजराइल, कैस्पियन सागर, उत्तरी सोमालिया, उत्तरी इथोपिया, भूमध्य सागर में दिखाई देगा।

 

ग्रहण का सूतक काल

सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 12 घंटे पूर्व लग जाता है। और ग्रहण के समाप्त होते ही समाप्त हो जाता है। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। ग्रहण समाप्ति के पश्चात ही कोई भी शुभ कार्य करना चाहिए। इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल 24 व 25 अक्टूबर की मध्यवर्ती रात्रि को लगभग 2:29 से प्रारंभ होगा।

 

सूर्य ग्रहण के पश्चात स्नान व दान आदि का महत्व :

  • सूर्य ग्रहण के पश्चात स्नान व दान आदि का बहुत ही महत्व है, ग्रहण समाप्ति के पश्चात स्नान अवश्य करना चाहिए।
  • यह स्नान पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती आदि में करना अति उत्तम है। इसके अतिरिक्त यह संभव ना होने पर स्नान किसी तालाब या कुंड आदि में भी किया जा सकता है।
  • यह भी संभव ना हो तो घर मैं स्नान करते समय तीर्थ जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
  • स्नानादि से निवृत्त होकर घर में गंगा जल का छिड़काव करके शुद्धीकरण करना चाहिए।
  • घर मे पीने का पानी बदल देना चाहिए।
  • ग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति तथा भूखे लोगों को दान करना बहुत अच्छा है।
  • अनाज, तेल, धनराशि, कपास, कंबल आदि का दान किया जा सकता है।
  • मच्छरदानी का दान करना अति उत्तम माना गया है।

 

ग्रहण काल में तुलसी का महत्व और प्रयोग

 

ग्रहण के समय तुलसी के पौधे का अत्यधिक महत्व है। ग्रहण काल का सूतक लगने से पहले ही तुलसी दल को सभी चीजों में डाल देना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सभी खाद्य वस्तुओं दूषित हो जाती है। परंतु तुलसी के पत्ते डाल देने से उनकी शुद्धता बनी रहती है। अतः खाने पीने की वस्तुओं में सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि तुलसी के पौधे को स्पर्श करना सूतक काल में निषेध है। अतः तुलसी के पत्तों को सूतक काल लगने से पूर्व ही तोड़ लेना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ग्रहण के उपरांत तुलसी के सभी पत्ते सभी वस्तुओं से निकाल लें।

 

ग्रहण काल के दौरान बरतें कुछ सावधानियां

ग्रहण काल के दौरान निम्न सावधानियां बरतें।

  • सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
  • यदि आप ग्रहण को देखना ही चाहते हैं तो इस दौरान प्रयोग किए जाने वाले चश्मे का प्रयोग करके ही ग्रहण को देखें।
  • गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए।
  • ग्रहण काल के दौरान चाकू छुरी इत्यादि किसी भी धारदार नुकीली वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण काल के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना निषेध माना गया है।
  • ग्रहण के समय स्नान करना तथा विधिवत किसी भी प्रकार की पूजा करना या मूर्ति को स्पर्श करना नहीं चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान भोजन या पानी भी नहीं लेना चाहिए परंतु बीमार, बूढ़े तथा छोटे बच्चों के लिए यह अपवाद है।
  • ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना लाभकारी है।
  • ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी अच्छा माना जाता है।

 

सूर्य ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव

 

25 अक्टूबर 2022 को होने वाले सूर्य ग्रहण का विभिन्न राशि वाले जातकों के लिए अलग-अलग प्रभाव होगा। कुछ जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण लाभकारी सिद्ध होगा। जबकि कुछ जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण कुछ कष्ट कारक होने की संभावना है।

लाभकारी-- यह सूर्यग्रहण कर्क, सिंह, धनु व मीन राशि वाले जातकों के लिए सुखदाई और लाभकारी होगा। भिन्न भिन्न प्रकार से इन जातकों को भौतिक व मानसिक सुख व लाभ प्राप्त होने की संभावना है।

कष्ट कारक --- इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर व कुंभ राशि वाले जातकों के लिए हानिकारक व कष्ट विदाई होने की संभावना है, किसी ना किसी प्रकार की चिंता व आदि लगे रह सकते हैं।

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