मां सिद्धिदात्री

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  • 11th Oct 2024

मां सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री : देती है सिद्धि, मोक्ष और हर क्षेत्र में सफलता का वरदान

 

नव रात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा की नवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा और आराधना की जाती है। अपने इस स्वरूप में मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को ब्रह्मांड की सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं।

नव रात्रि के सिर्फ इस दिन भी यदि कोई भक्त पूरी एकाग्रता और निष्ठा से माँ की विधिवत पूजा करता है तो उसे सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं। उस भक्त के लिए कुछ भी असंभव नहीं रहता और वह शत्रुओं पर पूर्ण विजय प्राप्त करने में समर्थ होता है। इसके अतिरिक्त साधक की हर क्षेत्र में सफलता निश्चित होती है।

भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री के इसी रूप की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। जिसके फल स्वरुप भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वह लोक में अर्धनारीश्वर के नाम से भी जान गए।

गति के समय मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है परंतु अचला रूप में मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर विराजमान रहती हैं। मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं। मां के एक हाथ में चक्र दूसरे में गदा है। वहीं दूसरी तरफ एक हाथ में शंख और दूसरे हाथ में कमल पुष्प होता है।

 

क्या अर्पित करें मां सिद्धिदात्री को?

नव रात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को विभिन्न प्रकार के अनाज जैसे हलवा, पूरी, चना, खीर, आदि का भोग लगाने से मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों की सब मनोकामनाएं पूरी करके सिद्धि और मोक्ष प्रदान करती है।

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